श्रीराम कॉलिज में दिलाई गई एकता व अखण्डता की शपथ
श्रीराम काॅलेज के सभागार में लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया। इस कार्यक्रम में श्रीराम काॅलेज के निदेशक डाॅ0 आदित्य गौतम, प्राचार्य डाॅ0 प्रेरणा मित्तल के अतिरिक्त महाविद्यालय के विभिन्न संकायो के प्रवक्ताओं तथा अध्ययनरत् विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन पर आधारित लघु-फिल्म का प्रदर्शन किया गया तथा राष्टीªय एकता शपथ भी दिलाई गयी। कार्यक्रम का संचालन श्रीराम काॅलेज की प्राचार्य डाॅ0 प्रेरणा मित्तल द्वारा किया गया।
इस अवसर पर श्रीराम काॅलेज के निदेशक डा0 आदित्य गौतम ने सरदार पटेल के जीवन के बारे में बताते हुये कहा कि भारत की आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाॅं की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतो में बिखरे भारत के भू-राजनैतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिये पटेल को भारत का बिस्मारक और लौह पुरूष भी कहा जाता है। उन्हें मरणोपरान्त सन् 1991 में भारत के सर्वोच्च नागरिक स्थान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। भारत के राजनैतिक एकीकरण के लिए उनके योगदान को चिरस्थाई बनाये रखने के लिए उनकी जयंती वर्ष 2014 से राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनायी जा रही है।
श्रीराम काॅलेज की प्रिंसिपल डाॅ0 प्रेरणा मित्तल ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुये कहा कि सरदार पटेल भारत के राजनैतिक एकीकरण के पिता है। उन्होंने कई छोटे-छोटे राज्यों के भारतीय संघ में विलय की व्यवस्था की। उनके मार्गदर्शन और सतत निश्चय के अंतर्गत कई राज्य संयुक्त रूप से भारतीय संघ में शामिल हुये। उन्होंने लोगो से बडा सोचने और मजबूत बनने का आहवान किया जिससे राष्ट्रवाद का मार्ग प्रशस्त हुआ। वास्तव में वे आधुनिक भारत के शिल्पी थे। भारत के राजनैतिक इतिहास में सरदार पटेल के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
इस अवसर पर भानू प्रताप वर्मा, मन्दीप शर्मा, जगमेहर गौतम, उषा वर्मा, संदीप राठी, आदि प्रवक्तागण उपस्थित रहे।