उत्तराखंड में इलेक्शन के बाद भी पंचायतें प्रशासकों के हवाले, कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

(नसीम रोशन)


देहरादून। पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद अभी तक निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण की तारीख घोषित नहीं की गई है। ऐसे में कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस का कहना है कि सत्ताधारी पार्टी हार का सदमा अभी तक बर्दाश्त नहीं कर पाई है।
 उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2019 संपन्न हो चुके हैं, लेकिन पंचायतें अभी भी प्रशासकों के हवाले हैं। ऐसे में कांग्रेस के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। दरअसल, बीजेपी ने पंचायतों पर काबिज होने के लिए हर तरीका अपनाया. बीजेपी को विश्वास था कि वह सभी सीटों पर कब्जा करेगी, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया. ऐसे में कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सत्ताधारियों के दबाव में अधिकारी निर्वाचित प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण की तारीख घोषित नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सत्ताधारी पार्टी हार का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। यही कारण है कि अभी तक शपथ ग्रहण की तारीख तय नहीं की गई है। पंचायत प्रतिनिधि चुन करके आए हैं, उनमें अधिकांश नए हैं, उन्हें प्रक्रियाओं को समझना है। इसके साथ ही जोत सिंह बिष्ट ने पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वह सरकार पर दबाव बनाएं, जिससे उनके शपथ ग्रहण की तिथि सरकार जारी करे और ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायतों की पहली बैठक की तिथि भी जारी करे।


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