खेल प्रतियोगिता में दिखाया दम खम

 मुजफ्फरनगर के भोपा रोड स्थित एसडी डिग्री कॉलिज के मैदान में आयोजित वार्षिक खेल प्रतियोगिता के अन्तिम दिन जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की टीम ने अपना जलवा कायम रखा। यहां ओवर ऑल चैम्पिशिप डायट की टीम के नाम दर्ज हुई।उत्तर प्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के तत्वाधान में आयोजित अंतर संस्थानीय वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के दूसरे व अंतिम दिन प्रतिभागियों को मेडल देकर सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में ओवर ऑल चैम्पियन डायट रहा। खो-खो पुरूष वर्ग में डायट प्रथम तथा एस.डी. मैनेजमेंट ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। खो-खो बालिका वर्ग में बालाजी कॉलेज प्रथम तथा एस.डी. मैनेजमेंट द्वितीय रहा। कबड्डी पुरूष वर्ग में डायट प्रथम तथा एस.डी. मैनेजमेंट द्वितीय रहा। कबड्डी महिला वर्ग में डायट प्रथम तथा दीनदयाल कॉलेज द्वितीय रहा। वालीबाल पुरूष वर्ग में श्रीराम कॉलेज व लार्ड शिवा कॉलेज को संयुक्त रूप से विजयी घोषित किया गया। वालीबाल बालिका वर्ग में डायट प्रथम तथा एस.डी. मैनेजमेंट द्वितीय रहा। गोला फेंक प्रतियोगिता में अरूण चौधरी, लार्ड शिवा कॉलेज प्रथम, प्रिंस वर्मा डायट द्वितीय तथा उज्जवल डायट तृतीय रहे।         बालिका वर्ग में सपना दीनदयाल कॉलिज से प्रथम, द्वितीय दीपाली डायट से तथा शिखा, सेंट आर.सी. कॉलेज, शामली ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। डिस्कस थ्रो में पुरुष वर्ग में मौ. आसिपफ, बालाजी कॉलेज प्रथम, विपिन कुमार डायट से द्वितीय तथा मौ. तालिब बालाजी कॉलेज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग में शिखा, सेंट आर.सी. कॉलेज प्रथम, प्रिया बालियान, दीनदयाल कॉलेज द्वितीय तथा विधि बालियान एस.डी.कॉलेज ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। लंबी कूद पुरूष वर्ग में प्रिंस वर्मा डायट प्रथम, नदीम बालाजी कॉलेज द्वितीय तथा रजत शांति देवी कॉलेज तृतीय स्थान पर रहे। बालिका वर्ग में रूचि सरदार पटेल प्रथम, सरिता डायट द्वितीय तथा तनुष्का, शांति देवी कॉलेज से तृतीय स्थान पर रहे। ओवलऑल बालक वर्ग में प्रिंस वर्मा डायट तथा बालिका वर्ग में शिखा, सेंट आर.सी. कॉलेज रहे।प्रतियोगिता के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि प्राचार्य डायट भीम सिंह ने प्रतिभागियों को मेडल व प्रशस्ति पत्रा भेंट किए। उन्होंने कहा कि खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेना जीतने से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। विशिष्ट अतिथि  वरिष्ठ प्रवक्ता मौ. अल्ताफ ने कहा कि खेलों के द्वारा पारस्परिक सद्भावना का विकास होता हैं। टीम मैनेजर श्रीपाल ने सभी कॉलेजों से आए प्रतिभागियों व उनके प्रशिक्षकों का आभार व्यक्त किया। प्रतियोगिता के सफल बनाने में डायट शिक्षक मीरा शर्मा,श्रीमती सरोज तोमर, राजीव कुमार गुप्ता, श्रीमती अनीता चौधरी, रामकुमार शर्मा, जितेन्द्र सिंह, महेन्द्र अधिकारी, अंजली सिंह,  शिवप्रसाद, श्रीपाल, कु. रीना रानी, ब्रजेश कुमार, श्रीमती बबीता तोमर, पीयूष कुमार, पंकज कुमार, वीरेन्द्र अग्रवाल, सुधीर कुमार, श्रीमती मीरा शर्मा, श्रीमती शैली, कु. ऐश्वर्या शर्मा, श्रीमती दीपा शर्मा, अमरीश कुमार, कु. शिल्पा गुप्ता का विशेष सहयोग रहा।
[1/29, 20:49] Gulfam: राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएच-58 के लिये अधिग्रहित हुई जमीन का मामला तूल पकडता जा रहा है। इस मामले में करोडो रूपये का खेल सामने आ रहा है, जिसकी शिकायत CM पोर्टल पर भी की गई, जांच का जिम्मा एसडीएम सदर को मिला था, मगर कार्यवाही तो दूर, जांच की औपचारिकता भी पूरी नहीं हो पायी, जिसके बाद अब ग्रामीणों ने DM सेल्वा कुमारी जे से मिलकर इस मामले में कार्यवाही की मांग की है। पुरकाजी क्षेत्रा के ग्राम फलौदा निवासी विशेष त्यागी पुत्रा सुखबीर सिंह ने जिलाध्किारी सेल्वा कुमारी जे को दिये शिकायती पत्र में बताया कि उन्होंने फलौदा गांव की भूमि के अधिग्रहण के संबंध् में भ्रष्टाचार को लेकर 27 अक्टूबर को आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज करायी थी, लेकिन जांच अधिकारी तत्कालीन  एसडीएम सदर अनुज मलिक ने कोई कार्यवाही नहीं की। शिकायत का मुख्य बिन्दु यह था कि रमेशचन्द, सुरेशचन्द व महेशचन्द की फलौदा स्थित भूमि खसरा नम्बर 47 जो कि राजस्व के रिकाॅर्ड के अनुसार 23 बीघा जमीन है, इनमें से 18 बीघा भूमि विशेष भूमि अध्याप्ति अधिकारी द्वारा राजमार्ग के लिये अधीग्रहित दिखाकर मौके पर मात्रा 15 बीघा जमीन एक्वायर की, जबकि अभिलेखों में 18 बीघा जमीन की प्रविष्टि है, ऐसे में साफ है कि करोडो रूपये की तीन बीघा जमीन पर कोई कब्जा नहीं लिया गया, सिपर्फ कागजों में ही अधिग्रहित किया गया है, जिसके बदले में एक मोटी रकम लिये जाने की आशंका जताई गई है, इसके अलावा कुछ अन्य मामलों का भी जिक्र इस शिकायती पत्र में किया गया है। अभिलेखों से अध्कि जमीन दिखाकर मौके पर कम जमीन अधिग्रहित की गई है और मुआवजा तीन बीघा अध्कि जमीन का दे दिया गया। उसने रमेशचन्द व उसके दो भाईयों की भूमि अधिग्रहण के पश्चात बची भूमि की जानकारी आरटीआई से ली थी। हालांकि उसे आरटीआई नही दी जा रही थी, जब उसने एडीएम वित्त से अपील की, तो तब जाकर उन्हे आरटीआई में यह सूचना प्रदान की गई। शिकायतकर्ता का कहना है कि यदि इस प्रकार के मामलों की जांच की जाये, तो करोडो का खेल सामने आ सकता है।


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