स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान शुरू
(रविता)
मुजफ्फरनगर, 30 जनवरी 2020। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि को कुष्ठ निवारण दिवस के रूप में मनाया गया। इसी परिप्रेक्ष्य में गुरूवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान शुरू किया गया। इस अवसर पर रुड़की रोड स्थित कुष्ठ आश्रम में फल वितरित किया गया एवं स्प्लिंट एमसीआर चप्पल आदि का वितरण किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रवीण चोपड़ा ने कहा - गांधी जी अपने जीवन काल में कुष्ठ रोगियों की सेवा व उनके प्रति छुआछूत एवं भेदभाव को समाप्त करने का भरपूर प्रयास करते रहे। उन्होंने पूरे विश्व में यह साबित कर दिया कि कुष्ठ रोग छूने से नहीं फैलता है। उन्होंने कहा गांधी जी के कुष्ठ मुक्त भारत के सपने को पूर्ण करने के लिए सभी को प्रयत्नशील रहना चाहिए। कुष्ठ रोग की पहचान एवं जांच शुरुआत में ही करा ली जाये और उसका पूरा उपचार किया जाये, तो रोग पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है। कुष्ठ रोग से होने वाली विकलांगता से भी बचा जा सकता है, जिसका सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज उपलब्ध है, इसके उपचार की अवधि छह माह अथवा 12 माह हो सकती है।
कुष्ठ रोग के नोडल अधिकारी प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया सन् 1991-92 में जिले में करीब 300 कुष्ठ रोगी थे, 5 साल पहले इनकी संख्या 120 तक आ गई। अब यह संख्या घटकर मात्र 46 रह गई है। उन्होंने कहा कुष्ठ रोग का पुख्ता इलाज मल्टी थेरेपी (एमडीटी) से 6 माह या एक साल तक होता है। वर्तमान में 14 मरीज छ: माह तथा 29 मरीज एक साल के उपचार वाले हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि अगर किसी के पड़ोस में किसी भी व्यक्ति को कुष्ठ रोग के लक्षण दिखाई पड़ें, तो वह अपने क्षेत्र की आशा, आंगनबाड़ी या स्वास्थ्य कार्यकर्ता से सम्पर्क कर शीघ्र ही निशुल्क जांच और उपचार करायें।
उन्होंने बताया महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर (30 जनवरी से) राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण अभियान के तहत स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया गया है, यह अभियान आगामी 13 फरवरी तक चलेगा। अभियान में लोगों को कुष्ठ रोग के बारे में जागरूक किया जाएगा। कुष्ठ रोग का इलाज जिला अस्पताल में निशुल्क किया जाता है और दवा भी निशुल्क मिलती हैं।
कुष्ठ रोग के लक्षण:
• मांसपेशी में कमज़ोरी
• हाथ, बांह, पैर और टांगों में सुन्नपन
• छाती पर बड़ा, अजीब से रंग का घाव या निशान
• त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे, जो चपटे और फीके रंग के दिखते हैं, इस स्थान पर त्वचा सुन्न पड़ जाती है
• त्वचा में खुश्की, अकड़न