बुर्कानशीं महिला को पीटने वाली महिला कांस्टेबल को तत्काल निलंबित किया जाए- शाहनवाज़ आलम
बिना लिखित आदेश के पुलिस से गैर कानूनी काम करवा रहे हैं मुख्यमंत्री
पुलिस की साम्प्रदायिक कार्यशैली के ख़िलाफ़ न्यायपालिका को सक्रियता दिखानी चाहिए
लखनऊ। कांग्रेस ने मुजफ्फरनगर के खालापार टंकी चौक पर महिला पुलिस द्वारा बुर्कानशीन मुस्लिम महिला की डंडों से पिटाई के मामले को शर्मनाक बताते हुए दोषी पुलिसकर्मी को तत्काल निलंबित करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर बिना किसी लिखित आदेश के पुलिस से गैर क़ानूनी काम करवाने और उन्हें निजी गुंडा गिरोह की तरह इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है।
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने दो दिन पूर्व की इस घटना जो सोशल मीडिया पर काफ़ी वायरल हुई है पर टिप्पणी करते हुए कहा कि योगी सरकार में पुलिस का साम्प्रदायिकरण कोरोना से भी ज़्यादा ख़तरनाक रूप ले चुका है। उन्होंने न्यायपालिका से ऐसे मसलों पर स्वतः संज्ञान लेने की अपील करते हुए कहा कि पुलिस के बढ़ते साम्प्रदायिक रवैये पर न्यायपालिका को सक्रियता दिखानी चाहिए। क्योंकि ऐसी घटनाओं पर पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी कोई ठोस विभागीय कार्यवाई करने के बजाए सिर्फ खानापूर्ति कर के मुख्यमंत्री की मुस्लिम विरोधी कुंठा को संतुष्ट कर उनके गुड बुक में शामिल होना चाहते हैं। जिसके चलते खुद पुलिस ही सामाजिक सद्भाव के लिए खतरा हो गई है।
शाहनवाज़ आलम ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बिना लिखित आदेश दिए ही ज़िलों के आला अधिकारियों से मस्जिदों से अज़ान न होने देने का मौखिक फरमान जारी कर रहे हैं जिसके तहत पुलिस गांव में जाकर लोगों को अज़ान न देने की चेतावनी दे रही है और जब लोग शासनादेश की कॉपी मांग रहे हैं तो उन्हें पीटने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग़ाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर, इटावा समेत कई जगहों से ऐसी शिकायतें आ रही हैं।