हज़रत मौलाना मेहरबान अली के धेवते मोहम्मद फहीम की हुई दस्तारबंदी, दीन की राह पर चलने का आह्वान
मुज़फ़्फ़रनगर।जमीअत उलेमा ज़िला मुज़फ़्फ़र नगर के पूर्व महासचिव मौलाना मेहरबान अली मरहूम के धेवते मौ. फहीम के क़ुरआन हाफ़िज़ बनने पर अम्बा विहार में एक जलसे का आयोजन किया गया जिसमें मौलाना मौ. इमरान हुसैनपुर, मौलाना ज़ाकिर शाही इमाम और क़ारी मौ.असरार और डॉ. शमीमुल हसन ने अपने हाथों से दस्तार बन्दी फ़रमाई।
इस अवसर पर क़ारी उबैदुर रहमान क़ासमी ने कहा कि कुरान ऐसी किताब है जो अल्लाह ने इंसानों की हिदायत के लिए अपने पैगम्बर हज़रत मुहम्मद सल. पर नाज़िल फ़रमाई। इसका सब से बड़ा चमत्कार ये है कि छोटे छोटे बच्चे भी इसको अपने सीने में उतार लेते हैं और पूरी ज़िंदगी याद रखते हैं। उन्होंने हाफिज फहीम को अपनी दुआओं से नवाजा और मां बाप को मुबारक बाद दी।
मौलाना इमरान साहब ने अपनी तक़रीर में कहा कि कुरान अल्लाह की किताब है जो मुकम्मल हिदायत है और पूरी दुनिया के इंसानों को मानवता, ईमानदारी, रहमदिली और इंसाफ का पैग़ाम देती है। जिस मुसलमान ने अपनी ज़िंदगी को कुरान के मुताबिक़ गुज़ारा वो दुनिया और आख़िरत में कामियाब रहेगा। उन्होनें कहा कि अफसोस की बात है कि आज मुसलमान क़ुरआन से दूर होते जा रहे हैं और यही वजह है कि दुनिया में ज़लील और रुसवा हो रहे हैं। उन्होंने हाफ़िज़ फहीम और दूसरे बच्चे क़ुरआन का हिफ़्ज़ कर रहे हैं या कर चुके हैं को नसीहत की, कि पूरी ज़िंदगी क़ुरआन के मुताबिक़ गुज़ारें और दूसरों को भी क़ुरआन सिखाएं।जलसा उनकी दुआ पर सम्पन्न हुआ। जलसे को क़ारी असरार, मौलाना सदाक़त और मौलाना ताहिर ने खिताब किया। संचालन कलीम त्यागी ने किया।
प्रोग्राम में क़ारी मौ. जाफर, क़ारी अबस्सलाम, मास्टर इम्तियाज़ अली, मास्टर रईसुद्दीन, डॉO सलीम सलमानी, हाजी शाहिद त्यागी, क़ारी सलीम मेहरबान, हाजी अब्दुर्रहमान, ख़ादिम हुसैन, शाहनवाज़, हाफ़िज़ सरफ़राज़, वसीम अकरम, मौ0 इस्राइल, मौ0 इस्लाम, रहमत इलाही, हाजी औसाफ़, मास्टर शहज़ाद, रईसुद्दीन राना, फय्याज मलिक, शमीम कस्सार, बदरूज़ज़्मां खान, इकराम कस्सार, हारुन ठेकेदार, हाफिज शाहनज़र और हाफ़िज़ सुहैल मौजूद रहे।