शराफत अली बने उर्दू टीचर्स वैलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष, शहजाद अली को महासचिव की ज़िम्मेदारी
10 नवंबर को विश्व उर्दू दिवस और राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की घोषणा
मुजफ्फरनगर।उर्दू टीचर्स वैलफेयर एसोसिएशन मुजफ्फरनगर की चुनावी बैठक आज मुजफ्फरनगर के आई0पी0एस0 किड्स स्कूल, रहमत नगर में हुई जिसकी अध्यक्षता मास्टर अकबर अली और संचालन अलताफुर रहमान ने किया। बैठक में जिले भर से एसोसिएशन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए।
इस अवसर पर मास्टर रईसुद्दीन राना (प्रदेश उपाध्यक्ष) ने कहा कि एसोसिएशन की जिला कार्यकारिणी का तीन वर्ष का कार्यकाल आज समाप्त हो गया है। इसलिए उन्हें अध्यक्ष पद के लिए फिर से चुना जाना चाहिए उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में जिलाध्यक्ष शराफत अली ने सराहनीय काम किया है और संगठन को शिखर तक पहुंचाया है। इसलिए शराफत अली को एक बार फिर अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। सभी उपस्थित शिक्षकों और अधिकारियों ने हाथ उठाकर सर्वसम्मति से समर्थन किया और मास्टर शराफत अली को अध्यक्ष चुना लिया गया। इसी तरह मास्टर शहजाद अली जो कई वर्षों तक एसोसिएशन के महासचिव रहे को फिर से महासचिव चुना गया।
अपने संबोधन में शराफत अली ने कहा कि संगठन में सभी हमारे साथ रहे और मुझे उम्मीद है कि हर कोई इसी तरह मेरे साथ रहेगा। उन्होंने कहा कि संगठन की जो भी ज़रुरत होगी उसे पूरा किया जाएगा और शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। मास्टर शहजाद अली ने कहा कि संगठन को मज़बूत करने के लिए सभी ब्लाकों अध्यक्षों और सचिवों का चुनाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी 10 नवम्बर को विश्व उर्दू दिवस और राष्ट्रीय शिक्षा दिवस और बाल दिवस संयुक्त रूप से मनाया जाएगा। औसाफ अहमद ने कहा कि हम उर्दू के शिक्षक हैं इसलिए हमें पहले उर्दू पढ़ाना चाहिए। अल्ताफ-उर-रहमान ने कहा कि संगठन को चलाने के लिए हर महीने संगठन की बैठक आयोजित करना एक नियमित कोष की स्थापना करना आवश्यक है।
सभा में रईसुददीन राणा, शराफत अली, शहजाद अली, अल्ताफ-उर-रहमान, औसाफ अहमद, मोहम्मद शोएब, अरशद अली, कारी अय्यूब, रईसुददीन, डॉ फर्रुख़ हसन, नदीम मलिक, गुलफाम अहमद, नईम अहमद, मोहम्मद दिलशाद, मोहम्मद दानिश, उम्मेद क़ासमी, आबिद अली, साकिब निसार, शाहजेब अख्तर, सरवर आलम, मेराज खालिद रिजवी, महबूब आलम, तहसीन अली असारवी, शाहनजर, साजिद खान, मुहम्मद साजिद, किश्वर खातून, सायरा बानो, शमा परवीन, अमजद सैफी, जावेद त्यागी, रौनक अली जैदी के अलावा, मुंशी सदाकत अली, सद्दाम अली शाद, मुहम्मद इकराम, नसीमा खातून और निगार अंजुम, सैकड़ों शिक्षक मौजूद रहे।