विश्व उर्दू दिवस के अवसर पर उर्दू सम्मेलन का आयोजन
मुजफ्फरनगर - उर्दू डेवलपमेंट ऑर्गनाइजे़शन मुजफ्फरनगर ने अल्लामा इकबाल के जन्म दिवसर पर आज विश्व उर्दू दिवस के अवसर पर महफिल रेस्टोरेंट में शानदार उर्दू सम्मेलन का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता अब्दुल गफूर एडवोकेट और संचालन कलीम त्यागी ने किया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय सहारा के उप समूह संपादक अब्दुल माजिद निजामी थे, जिन्हें उनके उर्दू प्रचार और पत्रकारिता सेवाओं के लिए अल्लामा इकबाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने संगठन को धन्यवाद दिया और कहा कि उर्दू न केवल एक भाषा है, बल्कि भारत की सभ्यता और साझा विरासत भी है। उर्दू के विकास के लिए उन्होंने कहा कि बैसाखी का सहारा लेने के बजाय खुद ही कदम उठाने होंगे। लेकिन हमें निराश होने की जरूरत नहीं है। आपको अपनी जिम्मेदारी निभाते रहना है।
संस्था के जिलाध्यक्ष कलीम त्यागी ने कहा कि उर्दू को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी हमें उठानी है। हम जल्द ही एक केंद्र स्थापित करने जा रहे हैं जहां मुफ्त उर्दू पढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उर्दू हमारी साझी संस्कृति और भारतीय भाषा है। दारुल उलूम देवबंद के शिक्षक मौलाना सदाकत कासमी ने कहा कि अल्लामा इकबाल के संदेश को दुनिया में फैलाने की जरूरत है। अगर हमारे युवा अल्लामा इकबाल की शायरी को पढ़ और समझ लें तो निश्चित रूप से उनके जीवन में क्रांति आ सकती है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने उर्दू का झंडा फहराया है, वे बधाई के पात्र हैं।
संयोजक तहसीन अली ने कहा कि संगठन ने उर्दू सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया था जिसमें ज़िले के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया उन्हें सर्टिफिकेट और ट्रॉफी से भी नवाजा गया है। मौलाना मूसा कासमी और औसाफ अहमद ने बताया कि अश्विनी खंडेलवाल, डॉ. अरशद इकबाल, अब्दुल गफूर एडवोकेट, मुस्तफा कमाल पाशा, अहमद मुजफ्फरनगरी, नवेद अंजुम, रईसुद्दीन राणा, शराफत अली, शमीम कस्सार, शहजाद अली, शायरी एन चाय यू-ट्यूब चैनल को सम्मानित किया गया। इसके अलावा समाज सेवी असद फारुक़ी के भांजे अरीब अहमद को इसरो में वैज्ञानिक के रूप में नियुक्त होने पर पुरुस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता असद फारूकी ने कहा कि उर्दू बहुत प्यारी और मीठी भाषा है। जब तक हम लोगों में जज़बा है तो उर्दू भी जिंदा रहेगी। बदरुज़्ज़मां खान और शमीम कस्सार ने कहा कि हमें उर्दू भाषा के प्रचार के लिए हमेशा आगे आना चाहिए। और जहां तक हो सके, उर्दू के अखबार, पत्रिकाएं और पत्रिकाएं खरीद कर पढ़नी चाहिए।इसके अलावा शादी के कार्ड, साइन बोर्ड का इस्तेमाल करना चाहिए।
सम्मेलन को अश्विनी खंडेलवाल, महबूब आलम एडवोकेट, सलामत राही, सैयद वजाहत शाह, डॉ फर्रुख हसन, मौलाना ताहिर कासमी, और अन्य ने भी संबोधित किया। नवेद अंजम और अहमद मुजफ्फरनगरी ने अपनी शायरी से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। कार्यक्रम में गुलफाम अहमद, कारी सलीम मेहरबान, कारी तौहीद, डॉ. सदाकत देवबंदी, गौहर सिद्दीकी, हाजी आसिफ राही, सद्दाम अली, वसीम नदवी, सरफराज अली, मास्टर खलील अहमद, शाहनवाज आफताब, इंजीनियर वसीम फारूकी, नफीस राणा, सतीश शर्मा आदि मौजूद थे।