बाबू जगजीवन राम जी गंगा-जमुनी तहजीब के नेता थे- अनिल

बाबू जगजीवन राम और बाबा साहब अंबेडकर को एक दूसरे के खिलाफ़ खड़ा करना वंचित समाज को बाँटने की साज़िश है


देश हरित क्रांति के लिए बाबू जगजीवन राम का ऋणी है- राजेंद्र प्रसाद


प्रमोशन में आरक्षण बाबू जगजीवन राम जी की देन- संजय शर्मा


बाबू जगजीवन राम जी की 114 वीं जयन्ती पर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने किया वेब सेमिनार



लखनऊ 5 अप्रैल 2022। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री बाबू जगजीवन राम जी की 114 वीं जयन्ती पर उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा वेब सेमिनार आयोजित किया गया। 


इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अनिल चमड़ीया ने कहा कि जगजीवन राम गंगा-जमुनी तहजीब की मिट्टी के नेता थे। उनके रहते सासाराम और उसके आस-पास के इलाक़ों में कभी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए। जगजीवन राम और बाबा साहब अंबेडकर को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिशों को नाकाम करने की ज़रूरत है। क्योंकि इसके बहाने वंचित समाज को बाँटने की राजनीतिक शरारत की जाती है। बाबू जगजीवन राम और बाबा साहब अम्बेडकर दोनों ने जाति व्यवस्था को खत्म करने के उद्देश्य से काम किया। उनके इस साझे उद्देश्य से डरे लोग ही उनको एक दूसरे के खिलाफ खड़ा करने की कोशिश करते हैं। मौजूदा सरकार से मांग की जानी चाहिए कि उनके नाम पर बने सरकारी न्यास को सक्रीय करे और उनके ऊपर साहित्य प्रकाशित करे। जैसे बाबा साहब अंबेडकर के साहित्य प्रकाशित हुए हैं। 


'जगजीवन राम और उनका नेतृत्व' पुस्तक के लेखक इंजिनियर राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि उन्हें संकट के समय याद किया जाने वाला मंत्री माना जाता था। 1966-67 में जब अकाल की स्थिति बनी तो उन्हें खाद्य और कृषि मंत्रालय दे दिया गया। उन्होंने न सिर्फ़ किसी को भी भूख से नहीं मरने दिया बल्कि हरित क्रांति की नींव रख कर देश को अनाज के मामले में न सिर्फ़ आत्म निर्भर बनाया बल्कि अनाज का निर्यातक भी बना दिया। इसीतरह बांग्लादेश निर्माण के समय भी रक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने कौशल से पाकिस्तानी सेना को आत्म समर्पण करने पर मजबूर कर दिया।


कांग्रेस जनव्यथा निवारण सेल के प्रदेश सचिव संजय शर्मा ने कहा कि बाबू जगजीवन राम जी ने प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था लागू की थी। उन्होंने रेल मंत्री रहते हुए हर स्टेशन और रेलवे के रेस्टोरेंट में पानी पिलाने के लिए मेहतर जाति के लोगों को वाटर मैन के पद पर नियुक्त किया था जो उस समय एक क्रांतिकाती काम था। 


सेवा निवृत्त आईएएस और ऑफिसर्स आउटरीच के प्रदेश संयोजक अनीस अंसारी ने जगजीवन राम के विचारों को आम लोगों तक पहुंचाने पर ज़ोर दिया। दिल्ली अल्पसंख्यक कांग्रेस के मीडिया प्रभारी अखलाक अहमद ने दलित राजनीति के अवसरवादी और पतित हो जाने के लिए मायावती को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा कि दलित समाज को कांग्रेस से जुड़ना चाहिए जिसने जगजीवन राम जी को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष और कृषि और रक्षा मंत्रालय देकर सम्मानित किया था। 


वेबिनार का संचालन अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने किया। उन्होंने कहा कि 6 जुलाई को बाबू जगजीवन राम जी की पुण्यतिथि पर हर ज़िले में कार्यक्रम किया जाएगा। 


अल्पसंख्यक कांग्रेस के उपाध्यक्ष मोहम्मद अहमद, वसी अहमद रिज़वी, प्रदेश महासचिव अनीस अनवर, ख्वाजा गुडू, मिसबाहुल हक़, इक़बाल क़ुरैशी, प्रदेश सचिव मोहम्मद आलम, ग़ाज़ियाबाद ज़िला अध्यक्ष यामीन मलिक, इलाहाबाद शहर अध्यक्ष अरशद खान, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हन्जला उस्मानी, ख्वाजा शाहरुख, डॉ ज़फ़रुल्ला ज़फ़र आदि लोग मौजूद रहे। 

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