नुक्कड़ सभा बनकर रह गई किसान महापंचायत
सिसौली। कस्बे सिसौली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आजक जन कल्याण समिति द्वारा एक किसान महापंचायत का आह्वान किया गया था। किसान महापंचायत के आयोजकों ने दावा किया था कि किसान महापंचायत में लगभग 10000 किसानों भाग लेंगे, लेकिन किसान महापंचायत एक नुक्कड़ सभा बन कर रह गई जिसमें सैकड़ों की संख्या में किसानों ने भाग लिया। हालांकि किसान महापंचायत में कई किसान संगठनों से जुड़े किसान नेताओं ने भाग लिया।
किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता सरदार वी एम सिंह ने कहा कि एमएसपी किसान के लिए बहुत जरूरी है।सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है आज हम सभी को एकजुट होकर एमएसपी के लिए सरकार से लड़ाई लड़नी होगी। उन्होंने एक नारा भी दिया की फसल हमारी, भाव तुम्हारा ।नहीं चलेगा, नहीं चलेगा । सरदार बीएम सिंह ने कहा कि सभी को अपने सामान कीमत तय करने का अधिकार होता है लेकिन किसान को आज भी अपनी फसल की कीमत तय करने का अधिकार नही है। हम किसान को गन्ने का उचित भाव दिलाने के लिए हाईकोर्ट से
लड़ाई लड़ भी रहे हैं और लड़ते भी रहे है ,लेकिन मिल मालिकों की हठधर्मिता के कारण किसानों को आज भी 14 दिन में गन्ने का
भुगतान नहीं मिल पा रहा है। इसलिए सभी किसानों को एकजुट होकर अपने हक के लड़ने लिए दोबारा से आंदोलन करना होगा और सरकार से अपना हक मांगना होगा।
किसान महापंचायत में आज सिसौली की बदहाली व किसान को एमएसपी ना मिलने का मुद्दा विशेष तौर पर छाया रहा। सिसौली में स्वास्थ्य व यातायात संबंधी कोई भी सुविधा नहीं है तथा सिसौली में चारों ओर से आने वाले रास्तों की दशा भी आज बदहाल है। जन कल्याण समिति के उपाध्यक्ष बदलू ने बताया कि सिसौली में एक बाईपास की व्यवस्था होनी चाहिए तथा सरकारी अस्पताल में डॉक्टर की व्यवस्था भी होनी चाहिए।सिसौली मे रोडवेज बस स्टैंड का भी निर्माण होना चाहिए,जिससे यहां पर सभी जगह की बसों का संचालन सुचारू रूप से हो सके। जन कल्याण समिति ने ट्यूबवेल पर बिजली के मीटर लगाने पर भी अपना विरोध जताया।
भारतीय किसान यूनियन राजनैतिक के उपाध्यक्ष चौधर मांगे राम त्यागी ने कहा कि आज किसान की हालत बहुत ही खराब है ।सरकार किसानों की जमीन को हड़पना चाहती है ।आज की सरकार किसानों को इतना मजबूर कर देगी कि किसान खुद ही जमीन छोड़ने के लिए तैयार हो जाएंगे। आज देश में कोई भी किसान ऐसा नहीं है जिसकी जमीन बैंक के पास गिरवी न रक्खी गई हो ।हर साल किसान कर्ज के बोझ के नीचे दबता जा रहा है। सरकार दिन प्रतिदिन किसानों का शोषण कर रही है ,ऐसे में हम सभी को अपनी जमीन बचाने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करना होगा ।जिस दिन हमारा संघर्ष मजबूत होगा, किसान संगठित होगा, उस दिन इस देश में किसानों का राज होगा। अब किसान सड़क पर है और सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। किसान जितौड़ खेतों में मेहनत कर रहा है फिर भी किसानों को उसकी मेहनत का फल नहीं मिल पा रहा है। ऐसी हालत में एक दिन ऐसा आएगा कि किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर होगा और हमारी फसल हमारी जमीन पर उद्योगपतियों का कब्जा होगा। इसलिए एक बड़े आंदोलन के लिए हमें एकजुट होकर संगठित होकर रहना होगा।
किसान महापंचायत में हरियाणा से किसान नेता जगबीर घसोला ने भी उपस्थिति दर्ज कराई और अपना संयमित भाषण दिया। हालांकि वह टिकैत बंधुओं और अजय चौटाला के पत्थर प्रकरण पर आज कुछ नहीं बोले। लेकिन आज की किसान महापंचायत में उपस्थित होकर उन्होंने यह संदेश अवश्य दिया कि वह सत्ता पक्ष से जुड़ने के लिए जन कल्याण समिति सिसौली की किसान महापंचायत में उपस्थित हुए हैं ।जन कल्याण समिति के पदाधिकारियों पर कई बार आरोप लगता रहा है कि वह लखीमपुर में किसानों के हत्यारे कहे जाने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय टेनी से कई बार मिले हैं, वही एक पूर्व भाजपा विधायक से भी इनकी नजदीकियां जगजाहीर हैं ।
किसान महापंचायत का संचालन प्रदीप बंजी ने किया ।पंचायत में बलराज भाटी, जगबीर घसोला हरियाणा,काजी अब्दुल्ला, रामपाल मास्टर ,डॉक्टर उधम सिंह, जन कल्याण समिति के अध्यक्ष मास्टर भीम सिंह आदि मौजूद रहे।