अंग्रेजी शब्द के कारण हुए थे गिरफ्तारी के आदेश..

 



 कमल मित्तल 

(वरिष्ठ पत्रकार)

सिसौली । बात वर्ष 1930 की है जब अंग्रेजी शासन काल में कस्बा सिसौली के नाई वाली गली जिसे अब घडोंचा मोहल्ला कहा जाता है में डकोत जाति के लोगों में आपस में झगड़ा हो गया। डकोत जाति का एक व्यक्ति ने मुजफ्फरनगर आकर जिलाधिकारी से मिल अपना प्रार्थना पत्र उन्हें सोपते हुए अपने झगड़े से अवगत कराया।

जब दुभाषिए ने जिलाधिकारी महोदय को उक्त घटना से अवगत कराया। उसने बताया कि सिसौली के डकोत को अंग्रेजी में डेकोट कहते हुए बताया कि इन लोगों में आपस में मारपीट हो गई है और कई लोगों पर चोट लगी है। चुंकि डकोत व डकैत को  अंग्रेजी भाषा में डेकोट( Dackot) ही कहां जाता है, से अंग्रेज अफसर विचलित हो गए

और उन्होंने सभी डकोत जाति के व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के आदेश देते हुए कहा कि इस तरह कस्बे के बीच में डकैत कैसे रह सकते हैं।

इस घटना के बाद सिसौली में डकोत जाति के लोगों में हलचल पैदा हो गई और वे अपनी जान बचाने के लिए कस्बे के जमींदार डॉक्टर मित्रसेन मित्तल से मिले।

जब पुलिस दल डकोत जाति के लोगों को गिरफ्तार करने सिसौली आया तो डॉ मित्तरसैन मित्तल ने उन्हें अपनी कोठी पर बुलाकर डकोत व डकैत शब्द का अंतर समझाया। 

इसके बाद अंग्रेज पुलिस अधिकारियों ने जिलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट दी तब जाकर मामला शांत हुआ।

(यह घटना मुझे मेरे परदादा स्वतंत्र सेनानी डॉक्टर मित्तरसैन मित्तल ने जिस तरह सुनाई थी उसी तरह लिखने का प्रयास किया गया है)

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