उर्दू डे पर सादात हॉस्टल में मेधावी स्टूडेंन्ट्स और उर्दू भाषी शिक्षक / शायरों का होगा सम्मान
मुज़फ्फरनगर। विश्व उर्दू दिवस पर मुज़फ्फरनगर में उर्दू डवलपमेंट आर्गनाइजेशन के बैनर तले 70 प्रतिशत या इससे अधिक अंक पाने वाले उर्दू के मेधावी छात्र छात्राओं को सम्मानित किया जायेगा। आर्य समाज रोड स्थित सादात हास्टल में कल ( आज ) 9 नवम्बर को यह कार्यक्रम आयोजित होगा।
उर्दू डवलपमेंट आर्गनाइजेशन की एक मीटिंग संस्था के कार्यालय पर हुईं l जिस की अध्यक्षता जिला सदर कलीम त्यागी ने व संचालन सेक्रेटरी शमीम कस्सार ने किया। मीटिंग में विश्व उर्दू दिवस के कार्यक्रम को सफल बनाने को लेकर चर्चा की गईl मीटिंग में उर्दू डवलपमेंट आर्गनाइजेशन के संयोजक तहसीन अली असारवी ने कहा कि इस वर्ष 9 नवम्बर को होने वाले प्रोग्राम में PCS j आसिम चौधरी, चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के उर्दू विभागाध्यक्ष प्रोफेसर असलम जमशेदपुरी मुख्य अतिथि रहेंगे। मौ०आसिम चौधरी, प्रोफेसर चाँदनी अब्बासी (विशिष्ट अतिथि) के रूप में शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम में उर्दू के मेधावी छात्र-छात्राओं के अलावा, चयनित उर्दू शिक्षकों और शायरो को भी सम्मानित किया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष कलीम त्यागी ने सभी उर्दू प्रेमियों से प्रोग्राम में शिरकत करने की अपील की है।कलीम त्यागी ने कहा कि उर्दू भाषा हमारी मातृभाषा है और इसकी रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। अब हमें सरकारों को कोसने के बजाय खुद को जवाबदेह बनाना होगा। हमने अपने घरों में उर्दू भाषा को पूरी तरह से दफन कर दिया है, हमारे बच्चे और युवा उर्दू लिपि से परिचित नहीं हैं जिसके कारण उनका उच्चारण बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसलिए हमें दृढ़ संकल्पित होना होगा कि चाहे कुछ भी हो हमें अपनी भाषा की रक्षा करनी है।डॉ. शमीमुल हसन ने कहा कि हमारी सारी धार्मिक सामग्री उर्दू भाषा में स्थानांतरित हो गई है। इसलिए उर्दू की धार्मिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए।कोर्डिनेटर तहसीन अली असारवी ने कहा कि संगठन हर साल की तरह इस साल भी 9 नवंबर को विश्व उर्दू दिवस को बड़ी भव्यता के साथ मनाने जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस बार उर्दू विषय में कम से कम 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों को पुरस्कार दिया जाएगा। इसके साथ ही उर्दू के लिए निस्वार्थ सेवाएँ प्रदान करने वाली कुछ हस्तियों को भी सम्मानित किया जाएगा।
सचिव शमीम क़स्सार, डॉ. शमीमउल हसन, हाजी सलामत राही, हाजी शकील अहमद, तहसीन अली, गुलफाम अहमद,असद फारूकी, हाजी शकील , डाक्टर फरूख, मास्टर रईसुदीन राना, मास्टर शहजाद, नदीम मलिक आदि मौजूद रहे।