डोमा DOMA परिसंघ प्रतिनिधि संभल नहीं जा सके, पुलिस ने रोका,बॉर्डर से लौटे
नई दिल्ली। दलित, ओबीसी, माइनॉरिटीज और आदिवासी परिसंघ (डोमा) की ओर से संभल के मरहूम परिवार से मिलने एक प्रतिनिधि मंडल जा रहा था, जिसे पुलिस ने उ.प्र. और दिल्ली सीमा पर रोक दिया। प्रतिनिधि मंडल की ओर से नेतृत्व डोमा परिसंघ के चेयरमैन- डॉ उदित राज, राष्ट्र महासचिव- श्री शाहिद अली, राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर - एडवोकेट सतीश सांसी और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ए. पी. ख़ान छात्र नेता कुणाल, शकीलुर रहमान ऑल इंडिया तंजीम ए इंसाफ़, मुजम्मिल हुसैन आई एन एल, मुकेश सैनी, शरीफ़ प्रधान, अब्दुल बारी खान, जांनिसार अख्तर, मोहम्मद सलीम, सलीम खान आदि कर रहे थे।
डॉ. उदित राज के नेतृत्व में आज नई दिल्ली से करीब 12 बजे 30 कारों का काफिला रवाना हुआ। जैसे ही गाजियाबाद सीमा पर पहुँचे, वहाँ खड़ी भारी पुलिस बल ने रोक दिया।इसके पहले श्री राहुल गांधी जी के नेतृत्व में एक क़ाफ़िला संभल में मरहूम परिवार से मिलने जा रहा था, उसे भी रोका गया था।
उदित राज ने कहा कि दलित , ओबीसी, माइनॉर्टीज़ और आदिवासी परिसंघ एक गैर राजनीतिक संगठन है। करीब 100 लोग आज इन्ही वर्गों से थे, अगर पीड़ित परिवार से मिलकर हाल-चाल जान लेते तो कौन सा सरकार संकट मे पड़ जाती। यह भी नहीं है कि हम राजनीतिक लोग हैं और इसका वोट बैंक पर असर पड़ता। सरकार इस्लामों फोबिया का भय दिखाकर मूल मुद्दे से देश के लोगों को भटकाना चाहती है। क्या हमारा कर्तव्य इतना भी नहीं बनता कि हम पीड़ित परिवार को मिलकर जानकारी लेते। यह लोक तंत्र की हत्या नहीं तो क्या है? संविधान खतरे हैं। मुस्लिम और ईसाई पर हमले ज़्यादा तेज हुए हैं और इसके पीछे कुछ लोगों का राजनीतिक लाभ छुपा हुआ है।
डॉ. उदित राज जी ने आगे कहा कि अब न केवल राजनीतिक दल को लड़ना है बल्कि सिविल सोसाइटी को आगे आना होगा। जब बोलने की आज़ादी खत्म होती है या बेरोजगारी बढ़े और मंहगाई की मार पड़े तो आम नागरीक पर असर पड़ता है तो ऐसे में डोमा परिसंघ कैसे चुप रहा सकता है।
डोमा परिसंघ के राष्ट्रीय महासचिव शाहिद अली एडवोकेट ने कहा कि प्रशासन ने भाजपा के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया और किसी भी पार्टी के नेता और संगठन को वहां जाने नहीं दिया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार में पुलिस सिर्फ लोगों को फंसाने का काम कर रही है,
प्रशासन इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहा है। इसीलिए अब तक स्थिति सामान्य नहीं हो पा रही है। उन्हें पता है कि अगर कोई प्रतिनिधिमंडल जाकर लोगों से मिलेगा तो सच्चाई सामने आ जाएगी। वे चाहते हैं कि जितनी देरी होगी, भाजपा सरकार अपने मनसूबों में कामयाब हो जाएगी।
उन्होंने आगे कहा कि हम संभल में मुसलमानों पर हो रहे ज़ुल्म की निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि संभल के मुसलमानों को सुरक्षा की जाए और पीड़ित परिवारों को न्याय देते हुए दोषियों को सज़ा दी जाए।